उत्तराखण्ड के राष्ट्रीय उद्यान व वन्य जीव विहार | Uttarakhand Ke Rastriya Udhyan Evem Vanya Jeev Vihar | National Park And Wildlife Sanctuary Of Uttarakhand | Uttarakhand GK

उत्तराखण्ड के वन्य जीव विहार– (UTTARAKHAND GK)

  • गोविन्द वन्य जीव विहार 1955 – उत्तरकाशी 485 किमी.
  • केदारनाथ वन्य जीव विहार 1972 – चमोली , रुद्रप्रयाग 957 किमी.
  • अस्कोट वन्य जीव विहार 1986 – पिथौरागढ़ 600 किमी.
  • सोनानदी वन्य जीव विहार 1987 – पौड़ी गढ़वाल 301 किमी.
  • बिनसर वन्य जीव विहार 1988 – अल्मोड़ा 47 किमी.
  • मसूरी वन्य जीव विहार 1993 – देहरादून 11 किमी.
  • नन्धौर वन्य जीव विहार 2012 – नैनीताल ,चम्पावत 269.95 किमी.

उत्तराखण्ड के राष्ट्रीय उद्यान -(UTTARAKHAND GK)

  1. कॉर्बेट नेशनल पार्क
  2. फूलों की घाटी चमोली
  3. गोविन्द राष्ट्रीय उद्यान
  4. नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान
  5. राजाजी नेशनल पार्क
  6. गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान

1. कॉर्बेट नेशनल पार्क(UTTARAKHAND GK)-

  • कॉर्बेट नेशनल पार्क की स्थापना वर्ष 1936 में करी गई ।
  • इसका क्षेत्रफल 520.82 वर्ग किमी. है।
  • नैनीताल एवं पौड़ी जनपद में स्थित भारत के प्रथम नेशनल पार्क की स्थापना की गई ।
  • 1936 में प्रसिद्ध शिकारी सर हेली के नाम पर हेली नेशनल पार्क पर हुई थी ।
  • राम गंगा नदी के नाम पर 1947 में इसका नाम बदलकर राम गंगा नेशनल पार्क कर दिया ।
  • 1957 में प्रसिद्ध पर्यावरण प्रेमी एवं प्रसिद्ध शिकारी और वन्य जन्तुओं के संरक्षक स्वर्गीय जिम कॉर्बेट के नाम पर कॉर्बेट राष्ट्रीय पार्क रखा गया ।
  • जिम कार्बेट का पूरा नाम जेम्स एडवर्ड कार्बेट था।
  • इस पार्क का प्रवेश द्वार ढिकाला (नैनीताल) में है । जोकि रामनगर के काफी निकट है ।-+
  • इस पार्क के मध्य में पाटली दून स्थित है ।
  • 1 नवम्बर 1973 को इसे भारत का पहला बाघ संरक्षित घोषित किया गया ।

2. फूलों की घाटी चमोली (UTTARAKHAND GK) –

  • जोशीमठ से 18 किमी ० की दूरी पर बद्रीनाथ मार्ग के निकट चमोली जनपद में स्थित है ।
  • फूलों की घाटी को 1982 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया ।
  • 14 जुलाई 2005 में इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया ।
  • 1931 में फ्रेंक एस स्मिथ ने पहली बार इस घाटी को खोजा तथा अपनी पुस्तक ‘ वेली ऑफ फ्लावर्स ‘ में इस घाटी का वर्णन किया ।
  • फूलों की घाटी नर एवं गन्ध मादन पर्वतों के बीच में स्थित है
  • फूलों की घाटी क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान है जो कि केवल 87 वर्ग किमी ० में है।

3. गोविन्द राष्ट्रीय उद्यान (UTTARAKHAND GK)-

  • यह उद्यान उत्तरकाशी जनपद में स्थित है ।
  • इसकी स्थापना 1980 में की गयी ।
  • यह उद्यान 472 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है ।
  • राजा जी राष्ट्रीय उद्यान , देहरादून से इस उद्यान का संचालन होता है ।
  • यहां भूरा भालू , कस्तूरी मृग , हिम तेंदुआ , भरल , थार , काला भालू तथा ट्रेगोपान , कलीज , मोनाल , कोकलास , आदि पशु – पक्षी मुख्य आकर्षण हैं ।
  • भोजपत्र , देवदार , बांज आदि पर्वतीय वनस्पति यहां देखने को मिलती हैं ।

4. नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान (UTTARAKHAND GK)-

  • राज्य के चमोली जिले में है ।
  • यह 624 वर्ग किमी . में फैला है ।
  • इसकी स्थापना वर्ष 1982 में की गई है ।
  • विश्व धरोहर(UNESCO) की सूची में 1988 में घोषित किया गया है ।
  • पार्क का मुख्यालय जोशीमठ में है ।

5. राजाजी नेशनल पार्क (UTTARAKHAND GK)-

  • इसकी स्थापना 1983 में की गई ।
  • यह 820.42 वर्ग किमी . में फैला है ।
  • उत्तराखण्ड के तीन जिलों देहरादून , पौड़ी गढ़वाल व हरिद्वार में स्थित है ।
  • पार्क का मुख्यालय देहरादून में है ।
  • इस उद्यान का नामकरण स्वर्गीय राजीव गांधी की पहल पर स्वतंत्र भारत के प्रथम एवं अन्तिम गर्वनर सी ० राज गोपालाचारी के नाम पर किया गया ।
  • यह राष्ट्रीय उद्यान हाथियों के लिए प्रसिद्ध है ।

5. गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान (UTTARAKHAND GK)-

  • इसकी स्थापना सन् 1989 में की गई है।
  • यह 2390 वर्ग किमी . क्षेत्र में फैला हुआ यह राज्य का सबसे बड़ा उद्यान है
  • यह उत्तरकाशी जिले में स्थित है ।
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य उत्तराखण्ड के राष्ट्रीय उद्यान व वन्य जीव विहार के बारे में –
  • 1977 में महरूढ़ी में कस्तूरी मृग अनुसंधान केन्द्र की स्थापना की ।
  • 1991-92 में टाइगर वाच योजना की शुरूआत हुई ।
  • 1990-91 में स्नो लैपर्ड योजना आरम्भ की गई ।
  • राज्य का सबसे पुराना वन्य जीव विहारगोविन्द वन्य जीव विहार 1955 उत्तरकाशी में है।
  • राज्य का सबसे नया वन्य जीव विहार-नन्धौर वन्य जीव विहार , नैनीताल 2012
  • राज्य के सबसे बड़े और छोटे वन्य जीव विहार केदार वन्य जीव विहार चमोली, रुद्रप्रयाग विनोग मान्टेन क्वेल देहरादून
  • सर्वाधिक कस्तूरी मृगों वाला अस्कोट कस्तूरी मृग विहार स्थित है – पिथौरागढ़ 1986
  • भारत सरकार द्वारा 1988 में घोषित नन्दा देवी जैव मण्डलीय सुरक्षित क्षेत्र किन जिलों में 5860.6 वर्ग किमी . क्षेत्र में विस्तृत है- चमोली , बागेश्वर , पिथौरागढ़ में
  • नन्दा देवी जैव मण्डल सुरक्षित क्षेत्र में स्थित नन्दा देवी को 1988 में यूनेस्को के विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया । जबकि फूलों की घाटी को शामिल किया गया-2005 में
  • 1980-81 में कस्तूरी मृग फार्म योजना के तहत 1982 में चमोली जिले में कांचुला खर्क में एक कस्तूरी मृग प्रजनन एवं संरक्षण केन्द्र की स्थापना की है ।
  • 1986 में पिथौरागढ़ अस्कोट कस्तूरी मृग अभ्यारण की स्थापना की ।

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